5 Simple Statements About totka Explained



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यदि आपने इस जन्म के समय या अपने पिछले जन्म में भी बड़े या छोटे पाप किए हैं, और उसकी वजह से आपका जीवन कष्टक बना हुआ है हर तरह की नई नई परेशानी आपके सामने पैदा हो रही है आप एक समस्या का निदान नही करपाते तब तक नई समस्या पैदा हो रही है तो ऐसे में निश्चित ही आपकी कुंडली मे किसी न किसी ग्रह का प्रवेश हो गया रहता है। ऐसी दशा में राहु का प्रभाव आपको सबसे अधिक परेशान करता है और उसकी निजात के लिए आपको तो स्वच्छ निर्मल मन से राहु बीज मंत्र का जाप करके अपने दैनिक जीवन आने वाली सारी विशुद्धियों को दूर शुद्ध website करके अपने जीवन को कष्ट मुक्त कर सकते हैं। परंतु आपका इरादा आपकी आत्मा को अपने जीवन की समस्याओं को शुद्ध व खत्म करने का होना चाहिए और राहु आपको उसी के साथ आशीर्वाद देगा।

सनातन की श्रेष्ठतम दीक्षा: क्या होता है शक्तिपात

पत्रिका में काल सर्पदोष, चंद्र-राहु युति से जनित ग्रहण दोष, मार्केश एवं बाधकेश ग्रहों की दशाओं में, शनि के अनिष्टकारी

नहीं मिलती, आमदनी कम है तथा व्यय अधिक है तो उन्हें गायत्री

से घिरे रहते हैं। उनका रूप बड़ा अजीब है। शरीर पर मसानों की भस्म, गले में सर्पों का

भोगस्वर्गापवर्गदा।। (श्रीदुर्गासप्तशती, १३।४-५)

आदिशक्ति देवी भगवती मनुष्य की इच्छा से अधिक फल

मंत्राक्षरों में त्रिगुणात्मिका महाशक्ति भगवती के प्रति भावक्षरी

की समस्त सिद्धियों का स्वामी बन सकता है,

कौन मंत्र श्रेष्ठ: नवार्ण, गायत्री या महामृत्युंजय 

घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि: स्वनेन च।।

के विविध मंत्रों- महामंत्रों का सार अनुभव करते हैं। इसकी साधना से प्रकृति

अथवा मौजूदा बीमारियां तथा अनिष्टकारी ग्रहों का दुष्प्रभाव तो

लिए कल्याणकारी हों। सब हमारे लिए सुखप्रद हों। मैं सबके लिए मधुर बन जाऊं। गायत्री मंत्र के जप से यह लाभ प्राप्त होते हैं- गायत्री मंत्र के जप से यह लाभ प्राप्त

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